किसी Network पर सूचनाओ
के आदान-प्रदान को नियमित करने के लिए कुछ निश्चित नियम होते है ! जिन्हें
Protocol कहा जाता है ! Internet भी इनका अपवाद नहीं है ! क्योंकि यह
दुनिया का सबसे बड़ा Network है ! इसका भी एक Protocol है , जिसे TCP/IP कहा
जाता है!
इसका पूरा नाम “Transmission Control Protocol/Internet Protocol है !
जैसा की इसके नाम से ही पता चाल रहा है
की यह Internet को व्यवस्थित करने वाले नियमों का संग्रह है !
इसमें Internet से जुड़े हुए सभी Computers अथवा Website का एक Main Address दिया जाता है !
जिसको IP Address कहते है यह Computer की पहचान होता है !
इसके चार भाग होते है ! जिनमे से सभी भाग 0 से 255 तक की एक संख्या होती है !
सभी भाग आपस में बिंदु यानि (.) से जुड़े होते है !
For Example :- 192.168.210.15 यह एक IP Address है !
इस Address से किसी से किसी Website को अथवा वह Website जिस Computer में Store की गई है उस Computer को पहचाना जाता है !
किसी भी दो Computer या Websites के IP Address समान नहीं हो सकते है !
इस तरह के Address का फायदा यह है की यह सभी प्रकार के Hardware और Software पर लागु होता है !
TCP/IP एक डाक विभाग की तरह काम करता है ! जरुरत होने पर वह किसी सुचना की कई छोटे-छोटे भागों में तोड़ लेता है और प्रत्येक भाग को एक स्वतंत्र सुचना या पत्र की तरह उसके गंतव्य को प्रेक्षित करता है !
By- Pawan Kumar (Pawan Computers Baghauch Ghat, Deoria)
इसका पूरा नाम “Transmission Control Protocol/Internet Protocol है !
जैसा की इसके नाम से ही पता चाल रहा है
की यह Internet को व्यवस्थित करने वाले नियमों का संग्रह है !
इसमें Internet से जुड़े हुए सभी Computers अथवा Website का एक Main Address दिया जाता है !
जिसको IP Address कहते है यह Computer की पहचान होता है !
इसके चार भाग होते है ! जिनमे से सभी भाग 0 से 255 तक की एक संख्या होती है !
सभी भाग आपस में बिंदु यानि (.) से जुड़े होते है !
For Example :- 192.168.210.15 यह एक IP Address है !
इस Address से किसी से किसी Website को अथवा वह Website जिस Computer में Store की गई है उस Computer को पहचाना जाता है !
किसी भी दो Computer या Websites के IP Address समान नहीं हो सकते है !
इस तरह के Address का फायदा यह है की यह सभी प्रकार के Hardware और Software पर लागु होता है !
TCP/IP एक डाक विभाग की तरह काम करता है ! जरुरत होने पर वह किसी सुचना की कई छोटे-छोटे भागों में तोड़ लेता है और प्रत्येक भाग को एक स्वतंत्र सुचना या पत्र की तरह उसके गंतव्य को प्रेक्षित करता है !
By- Pawan Kumar (Pawan Computers Baghauch Ghat, Deoria)
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